अधूरेपन का मसला ज़िंदगी भर हल नहीं होता,
कहीं आँखें नहीं होतीं, कहीं काजल नहीं होता।
कहानी कोई भी अपनी भला पूरी करे कैसे?
किसी का आज खोया है, किसी का कल नहीं होता।
- राजन स्वामी
रविन्द्र श्री वास्तव जी की फेसबुक वाल से
कहीं आँखें नहीं होतीं, कहीं काजल नहीं होता।
कहानी कोई भी अपनी भला पूरी करे कैसे?
किसी का आज खोया है, किसी का कल नहीं होता।
- राजन स्वामी
रविन्द्र श्री वास्तव जी की फेसबुक वाल से
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