Monday 2 May 2016

अधूरेपन का मसला ज़िंदगी भर हल नहीं होता,

कहीं आँखें नहीं होतीं, कहीं काजल नहीं होता।


कहानी कोई भी अपनी भला पूरी करे कैसे?


किसी का आज खोया है, किसी का कल नहीं होता।


- राजन स्वामी


रविन्द्र श्री वास्तव जी की फेसबुक वाल से 

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