जो प्यासे हो तो अपने साथ रक्खो अपने बादल भी
ये दुनिया है, विरासत में कुंआ कोई नहीं देगा ।
ज़फर गोरखपुरी
भूखों की भूख मर गई,प्यासे नहीँ रहे
करने को और कोई खुलासे नहीं रहे।
@अचल
सोचा था सबकी तरह ये भी बदल गया होगा।
ये दुनिया है, विरासत में कुंआ कोई नहीं देगा ।
ज़फर गोरखपुरी
भूखों की भूख मर गई,प्यासे नहीँ रहे
करने को और कोई खुलासे नहीं रहे।
@अचल
नब्ज कांटी तो खून लाल ही निकला..
नीरज अग्रवाल की फेसबुक वॉल से
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