Saturday 18 June 2016

वहां तक तो चलो, जहां तक साथ मुमकिन है

जहां हालात बदलें, वहां तुम भी बदल जाना।


- रविन्द्र श्रीवास्तव की फेसबुक वाल से  

Thursday 16 June 2016

मेरी खामोशियों पर, दुनिया मुझ को ताना देती है

वो क्या जाने कि चुप रहकर भी की जाती हैं तकरीरें

- ज़ज्बी

मेरी खामोशियाँ देंगीं जवाब रोजे महशर को

तेरी गवाहियों का भरोसा थोड़े ही है।
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-तू रूठी रूठी सी लगती है कोई तरकीब बता मनाने की , 
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा ; तू क़ीमत बता मुस्कुराने की.
-सत्यपाल अरोरा की फ़ेसबबुक वाल से 

बडी अजीब सी मुलाकात
होती थी हमारी,
वो मतलब से मिलते थे
हमें मिलने से मतलब था..!!
अशोक निर्दोष  की फ़ेसबबुक वाल से 

Wednesday 15 June 2016

यकीनन किसी मजबूर ने सफर किया होगा


इसका हर तार जो समझौते से जुड़ा लगता है।



-डॉ लोकेंद्र त्यागी की फेसबुक वा ल  से 

Sunday 5 June 2016



मरना इस जहॉ में कोई हादसा नहीं,

इस दौर-ए-नागवार में जीना कमाल है। 

जितेंद्र दीक्षित की फेसबुक वाल से