Tuesday 24 May 2016

वो मेरे चेहरे तक अपनी नफरतें लाया तो था


मैंने उसके हाथ चूमे और बेबस कर दिया


-मुहब्बतों के दिनों की यही ख़राबी है

ये रूठ जाएँ तो फिर लौटकर नहीं आते

- वसीम बरेलवी

-रविंद्र श्रीवास्तव की फेसबुक वॉल  से

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