जब से देना शुरू किया उनके सवालों के जवाब
आँखों में आँखें डालकर बात की,
मांगने लगे अपना हक़.
खेतों में बंद कर दिया हल जोतना,
उठने लगीं बंदूकें उनकी
देशभक्त और राष्ट्रद्रोह की खींचतान में
‘सरकार’ के लिए हम नक्सली हो गए।
सुधा उपाध्याय
आँखों में आँखें डालकर बात की,
मांगने लगे अपना हक़.
खेतों में बंद कर दिया हल जोतना,
उठने लगीं बंदूकें उनकी
देशभक्त और राष्ट्रद्रोह की खींचतान में
‘सरकार’ के लिए हम नक्सली हो गए।
सुधा उपाध्याय
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