Thursday 21 April 2016

सहर का ....

सहर का वक्त है और जाम मे शराब नही ,

यह आफताब का धोखा है आफताब नही । 
हमारे आते ही शीशे उठाऐ महफिल से,
हम पना खुन पियेगे , अगर शराब नही
सेहर का -------
हमारे आने से कासिद कयो मुँह बनाता है

नजर खराब सही , आदमी खराब नही
सेहर का वक्त है और जाम मे शराब नही ---------@


विनीता साराभाई  की फ़ेसबुक  वाल से 

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