सहर का वक्त है और जाम मे शराब नही ,
यह आफताब का धोखा है आफताब नही ।
हमारे आते ही शीशे उठाऐ महफिल से,
हम अपना खुन पियेगे , अगर शराब नही
सेहर का -------
हमारे आने से कासिद कयो मुँह बनाता है
नजर खराब सही , आदमी खराब नही
सेहर का वक्त है और जाम मे शराब नही ---------@
विनीता साराभाई की फ़ेसबुक वाल से
यह आफताब का धोखा है आफताब नही ।
हमारे आते ही शीशे उठाऐ महफिल से,
हम अपना खुन पियेगे , अगर शराब नही
सेहर का -------
हमारे आने से कासिद कयो मुँह बनाता है
नजर खराब सही , आदमी खराब नही
सेहर का वक्त है और जाम मे शराब नही ---------@
विनीता साराभाई की फ़ेसबुक वाल से
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