अपनी बात-------------------
अमरीका में रहते कुछ काम नहीं था । पढ़ने का समय खूब था । खूब पढ़ा । कुछ रचनाए बहुत पसंद आई । डायरी कितनी बनाता । इसलियें ये ब्लॉग बना दिया । इसमे मुझे जहाँ से जो पसंद आया लिया और जिसने फेस बुक पर या कहीं और पोस्ट किया था , डाल दिया । डालने वाले का नाम भी दिया |ये सिलसिला आज भी जारी है।
Thursday 21 April 2016
खुशी के बाद खुशी की तरफ नही देखा, तुम्हारे बाद किसी की तरफ नही देखा। मै जानता था तेरा इंतजार लाजिम है, तमाम उम्र घड़ी की तरफ नही देखा।
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