अमरीका में रहते कुछ काम नहीं था । पढ़ने का समय खूब था । खूब पढ़ा । कुछ रचनाए बहुत पसंद आई । डायरी कितनी बनाता । इसलियें ये ब्लॉग बना दिया । इसमे मुझे जहाँ से जो पसंद आया लिया और जिसने फेस बुक पर या कहीं और पोस्ट किया था , डाल दिया । डालने वाले का नाम भी दिया |
अशोक मधुप
शेर
अधूरे सच का बरगद हूँ किसी को ज्ञान क्या दूगां ,
मगर मुद्दत से एक गोतम मेरे साए में रहता हैं।
महेश कुमार मिश्रा
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