Wednesday 16 August 2017

ये कश्मीर है-
पत्थर के खुदा, पत्थर के सनम, पत्थर के ही इनसां पाए हैं
तुम शहर-ए -मोहब्बत कहते हो, हम जान बचाके आए हैं
- फ़ाकिर

हर वक़्त मिलती रहती है अनजानी सी सजा..
मै कैसे पूंछू तकदीर से मेरा कसूर क्या है...
Sunil Rajput "Sir ji "

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