Saturday 20 February 2016

बड़े हो गए

उदास रहता  है मुहल्ले में  बारिश का पानी आजकल,
सुना है  कागज की नाव बनाने वाले बड़े हो गए।
-मिल गई है आज मुझे वो कागज की "नाव"
पता ये चला कि चलाने बाले बड़े हो गये।
-रामगोपाल शर्मा की फेस बुक वाल से

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