मुफ़्त में राहत नहीं देगी हवा चालाक है
लूटकर ले जाएगी मेरे पसीने का मज़ा
- ओम प्रकाश नदीम
…।
मैं तो अख़बार के धोके में आ गया दिल्ली
ये छपा था कि यहाँ मुझ-से दिवाने हैं कई
-मुकुल सरल की फेसबुक वाल से
क्या बंटवारा था इन हाथों की लकीरों का भी ....
उसके हिस्से में प्यार आया और मेरे हिस्से इंतजार
|रूदरेश कुमार की फेसबुक वाल से
कमाल का हौसला दिया, रब ने इन इंसानों को
-एक निवाले के लिये इंसान ने जिसे मार दिया,
वो परिंदा भी कई रोज का भूखा निकला।
-विवेक गुप्ता की वाल से
लूटकर ले जाएगी मेरे पसीने का मज़ा
- ओम प्रकाश नदीम
…।
मैं तो अख़बार के धोके में आ गया दिल्ली
ये छपा था कि यहाँ मुझ-से दिवाने हैं कई
-मुकुल सरल की फेसबुक वाल से
क्या बंटवारा था इन हाथों की लकीरों का भी ....
उसके हिस्से में प्यार आया और मेरे हिस्से इंतजार
|रूदरेश कुमार की फेसबुक वाल से
कमाल का हौसला दिया, रब ने इन इंसानों को
वाकिफ हम अगले पल से नही और वादे कर लेतें हैं जन्मों के ।
डा अमृता सिंह की फेसबुक वाल से
-एक निवाले के लिये इंसान ने जिसे मार दिया,
वो परिंदा भी कई रोज का भूखा निकला।
-विवेक गुप्ता की वाल से
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